केन्द्र सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम में तेजी लाने के लिए केन्द्रीय जल संसाधन, नदी और जल संरक्षण मंत्री उमा भारती ने बुधवार को सचिवों की एक समिति का गठन किया गया।
राजधानी में गंगा नदी के बारे में उच्च अधिकार प्राप्त कार्यबल की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए उमा भारती ने एलान किया कि ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम में तेजी लाने के लिए जल संसाधन, पर्यावरण और वन तथा पेय जल और स्वच्छता सचिव का एक दल तैयार किया जा रहा है।
इस समिति की एक पखवाड़े में कम से कम एक बैठक होगी। नमामि गंगे कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा करते हुए उमा भारती ने कहा कि पहले पुरानी जिम्मेदारी पूरी करनी हैं और उन्हें नई पहलों से अलग किया जाना चाहिए।
केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि परीक्षाओं के तुरंत बाद गंगा नदी के साथ-साथ स्थित स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों को अपने तरीके से नमामि गंगे कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
विभिन्न राज्यों, विशेष रूप से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल करने में हुई धीमी प्रगति पर असंतोष जाहिर करते हुए उमा भारती ने कहा कि हमें इस पर ध्यान देना चाहिए और जल्दी से जल्दी इस कार्य में तेजी लाई जानी चाहिए।
इस दौरान उमा भारती ने विभिन्न राज्यों से जल्द से जल्द राज्य और जिला स्तर पर गंगा समितियां गठित करने का अनुरोध भी किया।
अर्जित हुई प्रगति का सिंहावलोकन देते हुए उन्होंने बताया कि वर्तमान में 42 सीवेज बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इन परियोजनाओं से 327.93 एमएलडी सीवेज उपचार क्षमता का सृजन होगा।
केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने आगे कहा कि दिसंबर, 2016 तक 253.50 एमएलडी सीवेज उपचार क्षमता का सृजन हो चुका है। इन परियोजनाओं के तहत 3896.55 किलोमीटर सीवर नेटवर्क बिछाया जाना है। 1060.96 किलोमीटर सीवर नेटवर्क बिछाया जा चुका है और शेष कार्य प्रगतिपर है।
भारती ने कहा कि वर्तमान में आठ सीवेज उपचार संयंत्र परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है ,जिन पर 348.76 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इन परियोजनाओं से 109.40 एमएलडी उपचार क्षमता का निर्माण होगा। दिसंबर, 2016 तक 33.40 एमएलडी उपचार क्षमता का सृजन हो चुका था।
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