संसद के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब आम बजट और रेल बजट एक साथ पेश किया जा रहा है। आइए आपकों बातते है कि बुधवार को वित्त मंत्री की ओर से पेश किए जा रहें पिटारे में क्या-क्या खास है?
-रेल कोच से संबंधित शिकायतों को दूर करने के लिए सरकार का ‘कोच मित्र’ सुविधा का प्रस्ताव
-दूसरी श्रेणी के शहरों में चुनिंदा हवाई अड्डों पर परिचालन शुरू होगा। इनका विकास पीपीपी माडल के तहत होगा। जिसमें 3.96 करोड़ रूपये का अनुमान है।
-50 लाख से 1 करोड़ की आय पर 10 प्रतिशत सरचार्ज और एक करोड़ से अधिक की आय पर 15 प्रतिशत सरचार्ज लगेगा।
-मिडिल क्लास को इनकम टैक्स से राहत, 2.5 से 5 लाख तक की आयकर सीमा 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की गई।
-भारत बड़ा लोकतंत्र है। 70 साल बाद आजादी के देश राजनीतिक दलों को फंडिग का ट्रांसपेरेंट सिस्टम नहीं। पार्टी फडिंग में पारदर्शिता पर टैक्स में छूट। दानकर्ता चेक और अन्य पारदर्शी तरीके से दान दे सकते हैं। राजनीतिक दल 2000 रुपये से ज्यादा कैश चंदा नहीं ले सकते और 2000 रुपये से ज्यादा का चंदा सिर्फ चेक या डिजिटल तरीके से ही ले सकते हैं। हर राजनीतिक दल को तय समय में अपना रिटर्न फाइल करना होगा। पार्टी फंड के लिए दान दाता फंड खरीद सकेंगे।
-मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए टैक्स में छूट दी जाएगी। कालेधन की जांच के लिए विशेष जांच दल। अब तीन लाख से ऊपर नकद लेनदेन की इजाजत नहीं।
-कैपिटल गेन टैक्स की अवधि अब तीन साल से 2 साल। 50 करोड़ टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए 5 प्रतिशत टैक्स कम होगा। छोटी कंपनियों का टैक्स 30 प्रतिशत से घटकर 25 प्रतिशत।
-वित्तीय घाटा जीडीपी का लक्ष्य 3.2 रखने का लक्ष्य। सिर्फ 1.74 करोड़ लोग इनकम टैक्स भरते हैं। 2015-16 में आयकर रिटर्न भरने वाले 3.7 करोड़ लोगों में 99 लाख ने अपनी इनकम 2.5 लाख दिखाई। 24 लाख लोग 10 लाख से ऊपर आयकर बताते हैं। 76 लाख लोगों ने 5 लाख से ऊपर आय बताई। सिर्फ सात हजार कपंनियो ने दस करोड़ से ऊपर का मुनाफा दिखाया। आयकर में बढ़ोतरी नोटबंदी का ही असर है। निजी आयकर में 34.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी। नोटबंदी के दौरान 1.09 करोड़ बैंक खातों में दो लाख से 80 लाख तक जमा हुए। 1.48 लाख खातों में 80 लाख से ज्यादा जमा हुए।
-रक्षा क्षेत्र के लिए 2.74 लाख करोड़ का बजट। देश छोड़कर भागने वाले भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर सरकार शिकंजा कसेगा। उनकी संपति जब्ती का कानून बनेगा।
-फौजियों के लिए विशेष यात्रा सुविधाएं। 84 योजनाओं का लाभ अब सीधे खातों में। 2017-18 में 21.47 लाख करोड़ के खर्च का लक्ष्य रखा गया है।
-कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉस टीम बनेंगी। सौर ऊर्जा में 23000 अतिरिक्त मेगावाट क्षमता की तैयारी। भारत डिजिटल क्रांति से गुजर रहा है। 125 लाख लोगों ने भीम ऐप को अपनाया। आधार आधारित लेनदेन भी जल्द शुरू होगी। सरकारी संस्थाओं में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा दिया जाएगा। आधार कार्ड आधारित 20 लाख पीयूएस आएंगे।
-बुजुर्गों के लिए आधारकार्ड आधारित स्मार्टकार्ड, बजट में बीमारी दूर करने का भी लक्ष्य रखा गया है। टीबी कुष्ठ, चेचक को दूर करने का लक्ष्य।
-नई मेट्रो रेल नीतियां लाई जाएगी। 3500 किलोमीटर नई रेल बिछाई जाएंगी। नेशनल हाइवे के लिए 67 हजार करोड़ रुपये।
-पैसेंजर सुरक्षा के लिए रेल संरक्षा कोष बनाया जाएगा, एक लाख करोड़ का प्रावधान। रेल का बजट 1,31, 000 करोड़ का होगा। 70 राज्य निर्माण और विकास के लिए चुने गए हैं। 500 स्टेशन विकलांगों की सुविधा के मुताबिक बनाए जाएंगे। नदियां, सड़कें और रेल देश की जीवन रेखा है। पर्यटन और तीर्थ के लिए विशेष ट्रेनें होंगी। आज भरतीय रेलवे को दूसर परिवहन साधनों से चुनौती है। आईआरसीटीसी से टिकट बुकिंग पर सर्विस टैक्स खत्म।
-पैसेंजर सुरक्षा के लिए रेल सुरक्षा कोष बनाया जाएगा। इसके लिए एक लाख करोड़ का प्रावधान। रेल का बजट 1,31, 000 करोड़ का होगा।
-दलितों के कल्याण के लिए 52,393 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। एससीएसटी और अल्पसंख्कों का फंड बढ़ा।
-झारखंड और गुजरात में दो नए एम्स बनाए जाएंगे। 1.5 लाख स्वास्थ्य उपकेद्रों का विकास किया जाएगा। मेडल पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षा की सीटें बढेंगी। 2025 तक टीबी के उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है।
-सरकारी स्कूलों में शिक्षा क्वालिटी की जांच की जाएगी, जिसके लिए योजना लाई जाएगी। उच्च शिक्षा में दाखिले के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का गठन किया जाएगा। गांवों में महिला शक्ति केंद्र स्थापना के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान। मनरेगा के लिए 48000 करोड़ का आवंटन।
-पीएम ग्राम सड़क योजना के लिए 19 हजार करोड़ रुपये का इंतजाम। स्कूलों में विज्ञान की शिक्षा पर जोर दिया जाएगा। दीन दयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत 4818 करोड़ रुपये का प्रावधान। प्रधानमंत्री कौशल केंद्र 600 जिलों में।
-स्वच्छ भारत मिशन में खासी प्रगति हुई है। गामीण इलाकों में अब 60 फीसदी सैनिटेशन प्रबंध। मार्च 2018 तक सभी गावों में बिजली पहुंचाई जाएगी।
-मनरेगा में आवंटन से ज्यादा खर्च किया गया। मनरेगा में इस साल भी 5 लाख तालाब का लक्ष्य रखा गया है।
-एक करोड़ परिवारों को गरीबी से बाहर लाना है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना कॉन्ट्रैक्ट खेती के लिए नया कानून। मनरेगा में अंतरिक्ष विज्ञान की मदद ली जाएगी, काम स्पेस टेक्नोलॉजी से जांचा जाएगा।
-इस साल खेती 4.1 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद। माइक्रो सिंचाई फंड के लिए शुरुआती 5000 करोड़ रुपये का फंड। डेयरी उद्योग के लिए नाबर्ड के जरिये 8 हजार करोड़ रुपये का इंतजाम। दुग्ध पैदावार के लिए 300 करोड़ का शुरुआती फंड। एक करोड़ परिवारों के लिए मिशन अंत्योदय।
-बजट में दस बातों पर खास जोर रहेगा। आधारभूत ढांचे, रोजगार, आवास, किसानों, ग्रामीण इलाकों, नौजवनों पर जोर। किसानों की पैदावार बढ़ाने के लिए और कदम उठाए जाएंगे। किसान कर्ज पर ब्याज में कटौती की गई। किसानों के लोन के लिए दस लाख करोड़ रुपये।
-सुधार की दिशा में अहम फैसले लिए गए हैं। बजट को लेकर तीन बड़े सुधार किए गए। बजट पारंपरिक समय से पहले पेश किया गया। पहली बार आम बजट के साथ रेल बजट, जो कि ऐतिहासिक फैसला है।
-नोटबंदी से बैंकों की क्षमता भी बढ़ी है। बैंक ब्याज दर में कमी कर पाए हैं। बापू ने कहा था कि साधन सही हों तो साध्य सही। दो साल में 7 प्रतिशत से 7-8 प्रतिशत विकास दर की उम्मीद। ग्रामीण इलाकों में निवेश पर फोकस रहेगा।
-भारत दुनिया का छठा सबसे बड़ा निर्माता देश है। हमारी अर्थव्यवस्था ने कई झटके मजबूती से झेले। महंगाई दर घटी है और वह काबू में रहेगी। जीएसटी और नोटबंदी दो ऐतिहासिक फैसले हैं। सरकार का नोटबंदी एक साहसिक और निर्णायक फैसला रहा। इसके दूरगामी परिणाम होंगे। नोटबंदी से साफ-सुथरी और सही अर्थव्यवस्था। नोटबंदी से टैक्स का दायरा बढ़ेगा। टैक्स से बचना लोगों की जीवनशैली हो गई है।
-महंगाई दर काबू में आई है। तेल के दामों की अनिश्चितता एक चुनौती है। भारत दुनिया के आर्थिक नक्शे पर चमक रहा है। हमारे फोकस में नौजवान होंगे, जो विकास के फायदे ले सकें। देश में विदेशी निवेश बढ़ा है। चालू खाता घाटा भी कम हुआ है। हमारी वित्तीय मजबूती भी बढ़ी है। आईएमएफ के अनुसार-हमारी अर्थव्यवस्था तेजी की तरफ है।
-हमारी सरकार कालेधन से लड़ रही है। पिछले सालों में सरकार पर लोगों का भरोसा बढ़ा है। हम असंठित के मुकाबले संगठित अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़े हैं।
गौरतलब है कि यह पहली बार है जब बजट 1 फरवरी को पेश किया जा रहा है। इससे पहले बजट 28 या 29 फरवरी को पेश होता था।इसके साथ ही 92 साल में पहली बार रेल बजट अलग से पेश नहीं हो रहा है। इस बार रेल बजट आम बजट का ही हिस्सा है।
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