भारतीय जन औषधि को बढ़ावा देने के लिए संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने बुधवार को देश भर में 1000 जन औषधि केन्द्रों की स्थापना के लिए बुधवार को एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये।
यहां आयोजित एक कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मंत्री ने भारतीय फार्मा पीएसयू ब्यूरो (बीपीपीआई) और राष्ट्रीय युवा सहकारी सोसायटी लिमिटेड (एनवाईसीएस) के बीच सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर के लिए आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहें।
स्थापना का उद्देश्य मार्च 2017 तक ‘मिशन 3000’ केन्द्रों के एक हिस्से के तहत देश के शहरी एवं ग्रामीण दोनों ही स्थलों पर 1000 प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केन्द्रों की स्थापना करना है।
इस अवसर पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, शिपिंग, रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्री मनसुख एल.मंडाविया भी उपस्थित थे।
गौरतलब है कि भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल विभाग की एक पहल प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) एक विशेष मिशन है जिसका उद्देश्य देश के सभी नागरिकों को किफायती मूल्यों पर उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं मुहैया कराना है। पीएमबीजेपी योजना के लिए प्रमुख क्रियान्वयनकारी एजेंसी बीपीपीआई ही है।
पीएमबीजेपी की प्रगति का उल्लेख करते हुए अनंत कुमार ने कहा कि पिछले ढाई वर्षों के दौरान जन औषधि केन्द्रों की संख्या सात गुना बढ़कर फिलहाल 750 के आंकड़े से भी ऊपर चली गई है। यही नहीं, देश भर में जन औषधि केन्द्रों की स्थापना के लिए लगभग 20,000 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं और 5000 से भी ज्यादा आवेदनों को सैद्धांतिक मंजूरी दी जा चुकी है।
अनंत कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार ने देश भर में हर ब्लॉक एवं ग्राम पंचायत में जन औषधि केन्द्रों की स्थापना की परिकल्पना की है।
मंत्री कुमार ने स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने से संबंधित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन का फिर से उल्लेख किया, जिसे देश के हर नागरिक को किफायती मूल्यों पर उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं मुहैया कराकर साकार किया जाएगा।
अनंत कुमार ने कहा कि यह सरकार स्वदेशी जेनेरिक दवा उद्योग को बढ़ावा देने और इसे विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में काम कर रही है। आगे मंत्री ने यह भी कहा कि पीएमबीजेपी इस दिशा में एक अहम कदम है जो आम आदमी के स्वास्थ्य संबंधी खर्च में खासी कमी सुनिश्चित करेगा और इसके साथ ही फार्मा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को नई गति प्रदान करेगा।
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