देश के पांच बड़े राज्यों के विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद यूपी की राजनीति में मचा घमासान एक नया रूप ले लिया है। सूबे की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में पिछले कई दिनों से पार्टी चुनाव चिन्ह को लेकर अपनी-अपनी दावेदारी पर मंगलवार को चुनाव आयोग ने अंतिम मुहर लगा दी। चुनाव आयोग ने अपने फैसले में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ही पार्टी चुनाव चिन्ह साइकिल का असली हकदार माना है।
साइकिल की सवारी को लेकर चुनाव आयोग की ओर आए इस फैसले का मुख्यमंत्री समर्थक जोरदार स्वागत किया है। वहीं मुलायम खेमें में अब सन्नाटा छा गया है।
हालांकि सूत्रों की मानें तो चुनाव आयोग के फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सपा मुखिया मुलायम सिंह से मुलाकात की। इस मुलाकात को लेकर कहा जा रहा है कि सपा मुखिया मुलायम सिंह ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश को अपने चेहते 38 उम्मीदवारी की एक लिस्ट सौंपी है।
इतना ही नहीं सत्ता के गलियारें में ये भी खबरें है कि समाजवादी पार्टी आगामी दो दिनों में कांग्रेस से गठबंधन का एलान भी कर सकता है। इसको लेकर पार्टी में कवायद शुरू हो गई है।
आपकों बता दें कि सूबे के समाजवादी परिवार में पिछले दो महीने से घमासान मचा हुआ है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पिता मुलायम सिंह यादव के बीच बढ़े तनाव से पार्टी चुनाव चिन्ह को लेकर तकरार हो गई। दोनों गुट अपनी-अपनी दावेदारी की। इस बाबत मुलायम सिंह ने चुनाव चिन्ह को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया। जिसके बाद बेटे अखिलेश यादव ने भी चुनाव आयोग से गुहार लगाई।
बाप-बेटे की लड़ाई को लेकर चुनाव आयोग ने बीते दिन अपना फैसला सुनाया। जिसमें चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि पार्टी चुनाव चिन्ह साइकिल पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ही हक है।
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