भोपाल, 12 जनवरी (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में अगले शैक्षणिक सत्र से महाविद्यालयों के स्नातक पाठ्यक्रम में सेमेस्टर व्यवस्था को खत्म कर दिया जाएगा और छात्रों को गणवेश (ड्रेस) पहनना होगी। मुख्यमंत्री आवास पर गुरुवार को आयोजित विद्यार्थी पंचायत में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह ऐलान किया। मुख्यमंत्री चौहान ने आगे कहा कि विद्यार्थियों और उद्योगों के बीच परस्पर संवाद के लिए एक प्लेसमेंट पोर्टल बनाया जाएगा। शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए अगले शैक्षणिक सत्र से पांचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं होंगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने ऐलान किया कि मध्यप्रदेश बोर्ड की बारहवीं की परीक्षा में 85 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों का राष्ट्रीय-स्तर के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए चयनित होने पर उनकी पूरी फीस राज्य सरकार भरेगी। जिन विद्यार्थियों के 85 प्रतिशत से कम अंक आते हैं और उनका चयन राष्ट्रीय-स्तर के शैक्षणिक संस्थानों में होता है तो उन्हें राज्य सरकार शून्य प्रतिशत ब्याज पर शिक्षा ऋण उपलब्ध करवाएगी।चौहान ने आगे कहा कि वर्ष में एक दिन मुख्यमंत्री, मंत्री, रिटायर्ड अधिकारी आदि महाविद्यालय के विद्यार्थी, स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने जाएंगे। इसकी शुरुआत 28 जनवरी से की जा रही है। बोर्ड की परीक्षा में 85 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले बच्चों को इस बार लैपटॉप की राशि के स्थान पर लैपटॉप दिए जाएंगे। एनसीसी और एऩएसएस विद्यार्थियों को विशेष महत्व देने की योजना बनाई जाएगी। सभी महाविद्यालयों का रिकार्ड ऑनलाइन किया जाएगा।इस पंचायत में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन दर्शन पर प्रकाशित ग्रंथ अतिथियों को भेंट किए। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया, स्कूल शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह, तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री दीपक जोशी, मध्यप्रदेश माद्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष सुधीर रंजन मोहंती और सभी जिलों से आए स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी उपस्थित थे।--आईएएनएस
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