पटना, 12 जनवरी (आईएएनएस)| बिहार के चर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के एक मामले में नीतीश सरकार ने गुरुवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी एस़ एम़ राजू को निलंबित कर दिया। बिहार राज्य सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा गुरुवार को जारी आदेश के मुताबिक, राज्य के बाहर विभिन्न तकनीकी संस्थानों में अध्ययनरत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों तथा छात्राओं को वर्ष 2013-14 और इससे पूर्व के वर्षो में छात्रवृत्ति भुगतान में हुई अनियमितताओं के मामलों में एस़ एम़ राजू को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
इस मामले में पिछले दिनों राजू सहित 16 लोगों के खिलाफ निगरानी थाने में प्राथमिकी दर्ज की कराई गई थी। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि आईएएस अधिकारी राजू जब कल्याण विभाग के सचिव पद पर तैनात थे, उस समय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई थी और उसका बंदरबांट किया गया था।यह मामला वर्ष 2013-14 में छात्रवृत्ति में अनियमितता बरतने का है। निगरानी विभाग ने मिली शिकायत के आधार पर इस मामले की जांच इसी साल मार्च महीने में शुरू की थी। जांच के बाद निगरानी विभाग ने पाया कि अनुसूचित जाति-जनजाति प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति के वितरण में जमकर हेराफेरी की गई है और करोड़ों रुपये की राशि का बंदरबांट की गई है। फिलहाल राजू राजस्व पर्षद के अपर सदस्य के पद पर तैनात हैं।निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने राजू के अलावा कल्याण विभाग के तत्कालीन विशेष सचिव सुरेश पासवान, सहायक निदेशक इंद्रजीत मुखर्जी, गोन्ना इंस्टीट्यूट के निदेशक, सचिव और अन्य पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। राजू 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।--आईएएनएस
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