नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)| पूर्व विदेश सचिव श्याम सरण ने गुरुवार को कहा कि अर्थशास्त्र में जो ज्ञान दिया गया है वह आज की राजनीतिक व्यवस्था में बहुत काम का है। रिसर्च एंड इंफार्मेशन सिस्टम फॉर डेवलपिंग कंट्रीज (आरआईएस) के अध्यक्ष अर्थशास्त्र के कई तत्वों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि चाणक्य के अर्थशास्त्र में ज्ञान एवं विवेक पर आधारित एक अच्छे शासक एवं एक अच्छे सलाहकार के महत्व की जिस तरह से वकालत की गई है वह अत्यंत महत्वपूर्ण है।
वह इंस्टीट्यूट फॉर डिस्टेंस स्टडीज एंड एनालिसिस (आईडीएसएस) में 'कौटिल्याज अर्थशास्त्र : एन इंटेलेक्ट्यूअल पोर्टेट-क्लासिकल रूट्स ऑफ मॉडर्न पॉलिटिक्स इन इंडिया' और 'द अर्थशास्त्र इन ए ट्रांसकल्चरल पर्सपेक्टिव : कम्पेयरिंग कौटिल्य विद सन-जी, निजाम अल-मुल्क, बरनी एंड मैकियावेली' शीर्षक वाली पुस्तकों के विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे।इस अवसर पर इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज(आईएसएएस) व नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के निदेशक सुब्रत के मित्रा ने अर्थशास्त्र सामाजिक राजनीतिक जीवन के सभी व्यापक पहलुओं और सत्ता के विभिन्न अवयवों को समाविष्ट करता है लेकिन ये चीजें प्लेटो और अरस्तू के राजनीतिक उपदेशों में गायब है।--आईएएनएस
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