नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)| राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने राष्ट्रीय राजधानी में लगे कूड़े के ढेर को लेकर दिल्ली सरकार, नगर निगम तथा केंद्र सरकार को लताड़ लगाई है। पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी लगातार सातवें दिन गुरुवार को भी हड़ताल पर बैठे रहे।
आम आदमी पार्टी (आप) ने हालांकि आरोप लगाया है कि निगमकर्मियों को हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य किया गया, क्योंकि दिल्ली सरकार ने नगर निगमों को जो धन दिया, उसका दुरुपयोग किया गया और वह कर्मचारियों तक नहीं पहुंचा।पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) के कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के कारण जमा होते कूड़े के ढेर और उनसे निकलती बदबू से परेशान होकर न्यायाधिकरण ने इस हालत को लेकर जवाब मांगा है और सरकार तथा नगर निगम से ठोस कचरे से निपटने की योजना पेश करने को कहा है।एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार ने गुरुवार को कहा, "दिल्ली सरकार व निगमों के बीच टकराव में आपने जनता का जीना मुहाल कर दिया है।"न्यायमूर्ति कुमार ने दिल्ली सरकार से पूछा, "कूड़ों से निपटने के लिए दिल्ली सरकार के पास क्या योजना है? एक सरकार के रूप में आप इस मुद्दे से निपटने में नाकाम क्यों रहे?"पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों के बकाया वेतन को लेकर हरित न्यायाधिकरण ने सभी नगर निगमों, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) तथा दिल्ली सरकार से रिपोर्ट मांगी है।पूर्वी दिल्ली नगर निगम के वकील बालेंदु शेखर ने कहा, "दिल्ली सरकार द्वारा नगर निगम को कितनी रकम दी गई और वह सफाई कर्मचारियों को वेतन देने में क्यों नाकाम रहा, इस पर न्यायाधिकरण ने कल (शुक्रवार) एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।"एनजीटी ने शहरी विकास मंत्रालय से भी पूछा है कि आज की तारीख तक दिल्ली में सफाई के लिए उसने क्या किया है।सैकड़ों निगमकर्मी पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कार्यालय के बाहर जमा हो गए और वेतन न मिलने को लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने नारे लगाए और कचरों को सड़क पर बिखेर दिया।एमसीडी कर्मचारियों के यूनाइटेड फ्रंट के महासचिव राजेंद्र मेवाती ने आईएएनएस से कहा कि नवंबर महीने का वेतन सफाई कर्मचारियों के खाते में डाल दिया गया, लेकिन दिसंबर महीने का वेतन उन्हें अभी तक नहीं मिला है।--आईएएनएस
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