मास्को, 11 जनवरी (आईएएनएस)| सरकार प्रायोजित डोपिंग कार्यक्रम चलाने के आरोपों में घिरे रूस का विरोध अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। 19 देशों की डोपिंग रोधी एजेंसियों ने रूस पर सभी खेलों के अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंटों में प्रतिबंध लगाने की मांग की है। साथ ही रूस को अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंटों की मेजबानी न सौंपने की गुहार भी लगाई है।
समाचार एजेंसी तास के मुताबिक, यह प्रस्ताव विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के स्वतंत्र आयोग की रिपोर्ट में रूस में डोपिंग के मामलों को छिपाने के लिए व्यापक पैमाने पर चलाए गए कार्यक्रम के बाद आया है।19 देशों की डोपिंग रोधी एजेंसियों ने मंगलवार को एक संयुक्त बयान जारी कहा, "रिपोर्ट में तंत्र की गड़बड़ियों को लेकर कई खुलासे हुए हैं। इसके बाद राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संगठन (एनएडीओ) के 19 नेताओं ने विशेष बैठक बुलाने का निर्णय किया जिसकी मेजबानी आयरलैंड ने की। इसका मकसद साफ छवि वाले खिलाड़ियों के विश्वास को वापस हासिल करना और खेल की अखंडता को दोबारा नुकसान न पहुंचे, इस बात को सुनिश्चित करना था।"इस प्रस्ताव पर ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, कनाडा, क्रोएशिया, डेनमार्क, इस्तोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, जापान, नीदरलैंड्स, पोलैंड, स्लोवेनिया, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, स्वीडन, स्विट्जरलैंड और अमेरिका ने हस्ताक्षर किए हैं।बयान में कहा गया है, "मैक्लारेन आयोग और उनकी टीम द्वारा अपनी रिपोर्ट में रूस में डोपिंग के तंत्र के खुलासे पर सभी ने यह प्रस्ताव रखा है कि रूस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सभी खेलों के टूर्नामेंटों से तब तक बाहर रखा जाए जब तक वह वाडा के नियमों का पूर्ण रूप से पालन न करे।"बयान में कहा गया है, "सभी नेताओं ने यह भी प्रस्ताव रखा है कि अंतर्राष्ट्रीय महासंघ (आईएफ) और अन्य बड़े टूर्नामेंटों के आयोजक रूस को सभी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित करें।"मैक्लारेन की पिछले महीने आई रिपोर्ट में कहा गया था कि रूस के 1,000 खिलाड़ियों ने डोपिंग के नमूनों के साथ छेड़छाड़ की।--आईएएनएस
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