दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति पार्क ग्युन-हे पर घोटाले में शामिल होने के आरोप को लेकर शुक्रवार को महाभियोग चलाने के लिए मतदान किया गया। राष्ट्रपति पार्क ग्युन-हे के पक्ष में दक्षिण कोरियाई संसद ने दो-तिहाई बहुमत डाले है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक महाभियोग चलाने के लिए ऐतिहासिक विधेयक के पक्ष में 234 वोट पड़े जबकि इसके विरोध में सिर्फ 56 वोट पड़े। सात वोट अवैध घोषित कर दिए गए। एक सांसद ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
इस प्रस्ताव पर देश की संवैधानिक अदालत अब विचार करेगी। इस प्रक्रिया में 180 दिन लग सकते हैं। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि पार्क इस मतदान के बाद इस्तीफा देंगी या अदालत के फैसले का इंतजार करेंगी।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति पार्क ग्युन-हे दक्षिण कोरिया की पहली ऐसी बड़ी महिला नेता है। जिनपर महाभियोग प्रस्ताव पारित हुआ है और अपने देश की दूसरी राष्ट्रपति हैं जिनके खिलाफ नेशनल असेंबली द्वारा महाभियोग प्रस्ताव पारित किया गया है।
इनके बाद यहां कार्यकारी राष्ट्रपाति पद के हकदार प्रधनामंत्री वांग क्यो-हान होंगे। उन्हें अस्थायी रूप से राष्ट्रपति के अधिकार प्राप्त होंगे।
विधेयक पेश किए जाने से पहले एक सांसद ने सदन को औपचारिक तौर पर संक्षेप में महाभियोग प्रस्ताव के बारे में बताया। इसके बाद 300 सांसदों ने मतदान की प्रक्रिया शुरू की। सांसदों ने एक-एक कर मुद्रित मत-पत्र पर वोट डाले।
महाभियोग प्रस्ताव को लेकर अनुमान लगाया जा रहा था कि मतदान से पहले 210 सांसदों द्वारा महाभियोग प्रस्ताव के पक्ष में वोट देने की अशंका थी।
माना जा रहा है कि पार्क गुट के 20 से अधिक सांसदों ने महाभियोग के पक्ष में गुप्त मतदान किया है।
इस परिणाम की लिखित प्रतिलिपि पाने के बाद पार्क अपने सारे अधिकारों व शक्तियों से फौरन वंचित हो जाएंगी।
बता दें कि इससे पहले 2004 में तत्कालीन राष्ट्रपति रोह मू-ह्यून पर महाभियोग चलाया गया था जिसके चलते दो महीने के लिए उन्हें अपने पद से हटना पड़ा था।
संवैधानिक अदालत ने बाद में उन पर लगे कुप्रंबधन के आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें पद पर बहाल कर दिया था।
स्रोत- आईएएनएस
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