पिछले कुछ दिनों से विवादों में चर्चित रहा टाटा समूह पर एक बार फिर शेयर धारकों ने टाटा संस के अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा पर विश्वास जताया है। बुधवार को टाटा समूह ने स्वतंत्र निदेशक नुस्ली वाडिया को बोर्ड से हटाने के लिए ईजीएम बैठक बुलाई थी। जिसमें टाटा स्टील के 90 फीसदी शेयर धारकों ने रतन टाटा पर भरोसा जताते हुए उद्योगपति नुस्ली वाडिया को कंपनी के स्वतंत्र निदेशक के पद से हटाने के खिलाफ वोट किया।
इस बात की पुष्टि करते हुए बुधवार को टाटा स्टील ने एक बयान जारी किया। बयान के मुताबिक, कंपनी के 90.80 फीसदी शेयरधारकों ने असाधारण आमसभा (ईजीएम) में वाडिया को निदेशक मंडल से हटाने के खिलाफ वोट किया। बयान में संस्थागत और खुदरा दोनों शेयरधारकों ने उनके खिलाफ सभी श्रेणियों में तीन चैथाई बहुमत के साथ वोट किया है।
हालांकि टाटा समूह की ओर से बुलाई गई ईजीएम बैठक में वाडिया ने हिस्सा नहीं लिया। इस बैठक का एजेंडा टाटा संस से निष्कासित चेयरमैन साइरस मिस्त्री और स्वतंत्र निदेशक वाडिया को निदेशक मंडल से हटाने पर शेयरधारकों की मंजूरी लेना था।
नुस्ली वाडिया पर आरोप है कि वह निस्कासित चेयरमैन साइरस मिस्त्री के लिए काम करने करते थे। हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि आधिकारिक तौर पर नहीं हुई है।
गौरतलब है कि निस्कासित चेयरमैन साइरस मिस्त्री ने सोमवार को टाटा स्टील के निदेशक मंडल के सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया।
स्रोत- आईएएनएस
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