कल से शुरू होने जा रहे कबड्डी विश्व कप की तैयारियां जोरो पर है। विश्व कप का आयोजन सात अक्टूबर से गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में होगा इस विश्वकप ने बड़ी संख्या में आयाजकों केा निवेश के लिए आकर्षित कर लिया है।
कबड्डी संघ पांच प्रमुख प्रायोजकों को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहा है। संघ के अधिकारी ने इन प्रयोजकों के बारे में जानकारी देते हुए बताया, ’ये प्रायोजक पतंजलि स्पेशल च्वनप्राश, इंडो निसिन, थम्स अप, सिस्का एलईडी और वोलिनी हैं।
अंतर्राष्ट्रीय फॉरमेट का पहला विश्व कप 2004 में आयोजित किया गया था, लेकिन उस समय उसे कोई प्रसारणकर्ता नहीं मिल सका था। इस बार का प्रसारणकर्ता स्टार स्पोर्ट्स है। स्टार स्पोर्ट्स के पास कबड्डी प्रसारण का अच्छा खासा अनुभव है।
स्टारकाॅम मीडियावेस्ट ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बासबदत्ता चैधरी ने कहा कि इस खेल की बढ़ती लोकप्रियता ने ही प्रायोजकों को आकर्षित किया है।
बासबदत्ता ने इस विश्वकप के महत्व को बताते हुए कहा, ’जहां तक प्रो कबड्डी की रेटिंग की बात है तो यह लगातार बढ़ रही है। यह इस खेल की लोकप्रियता का प्रतीक है। ऐसे में भारत में विश्व कप का आयोजन होना देखने वालों और ब्रांडिंग में निवेश करने वालों के लिए बड़ा मौका है।
भारत सहित कुल 12 अन्तराष्ट्रिय टीमें इस प्रतियोगिता में भाग ले रही है। टीमों को पूल ’ए’ और ’बी’ दो भागों में बाटा गया है। भारत को पूल ’ए’ मे रखा गया है। भारत का पहला मैच 7 अक्टूबर को दक्षिण कोरिया से होने जा रहा है।
भारत ने 2004 में पहली बार आयोजित विश्व कप का खिताब जीता था और फिर 2007 और 2011 में भी वह विजेता रहा था। अब जबकि स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबड्डी लीग के कारण खिलाड़ियों को पहचान मिली है।
स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबड्डी लीग में जयपुर पिंक पैंथर्स के कप्तान जसवीर सिंह मानते हैं कि कबड्डी ने खिलाड़ियों को धन और शोहरत दी है और इसी कारण देश में युवा कबड्डी की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं।
इससे भारत को काफी फायदा होगा क्योंकि एक समय ऐसा आएगा जब उसके पास एक मजबूत बेंच स्ट्रेंथ होगा और यह उसे लंबे समय तक कबड्डी की महाशक्ति बने रहने में मदद करेगा।
कबड्डी का खेल बडी तेजी से दूसरे देशों में लोकप्रिय हो रहा है। ईरान आज कबड्डी की शक्ति है। उसके कई खिलाड़ी प्रो कबड्डी लीग में धूम मचा रहे हैं। कुछ खिलाड़ी प्रो कबड्डी लीग में सुपरस्टार हैं।
आने वाले समय में कबड्डी ओलंपिक का हिस्सा हो सकता है। एशियाई खेलों में तो भारत वर्षो से विजेता बनता रहा है और सही दिशा में अग्रसर होने की सूरत में ओलम्पिक में वह महाशक्ति बना रहेगा, इसमें कोई दो राय नहीं।
ऐसे में भारत को अगर इस खेल में महाशक्ति बने रहना है तो उसे सही समय पर सही दिशा में जाकर धन और मानव संसाधन का निवेश करना होगा।
(श्रोत आईएएनएस)
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