मॉस्को, 23 अक्टूबर: विकलांग व्यक्तियों के अधिकार के लिए गठित संयुक्त राष्ट्र समिति (सीआरपीडी) ने रियो पैरालम्पिक में रूसी एथलीटों पर लगे प्रतिबंध मामले की जांच से इनकार कर दिया है। रूस की नागरिक समिति (परिवार, बच्चों और मातृत्व के लिए) की अध्यक्ष डियाना गुर्तस्काया ने यह जानकारी दी।
डियाना ने अगस्त में सीआरपीडी की अध्यक्ष मारिया सोलेदाद सिस्टर्नास रेयेस को एक पत्र के माध्यम से रूसी पैरालम्पिक एथलीटों पर लगे प्रतिबंध मामले की जांच करने के लिए कहा था।समाचार एजेंसी स्पुतनिक के अनुसार, सीआरपीडी ने अपने जवाब में कहा था कि वह अंतर्राष्ट्रीय पैरालम्पिक समिति (आईपीसी) जैसे संगठन के फैसले पर पुनर्विचार नहीं कर सकता।
डियाना ने कहा, "यह एक अनौपचारिक और गलत जवाब है। हम इसका मतलब यही समझ रहे हैं कि आईपीसी के प्रमुख सदस्य देशों ने प्रतिबंध लगाकर सीधे-सीधे विकलांगता के आधार पर भेदभाव की शर्तो का उल्लंघन किया है।
"उन्होंने कहा, "ये देश 'यूएन कन्वेंशन ऑन दि राइट्स ऑफ पर्सन्स विद डिसएबिलिटीज' के सदस्य हैं और उनके इस कार्य का संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षी निकाय द्वारा मूल्यांकन किया जाना चाहिए। हम रूसी खेल मंत्रालय तथा संयुक्त राष्ट्र में अपने प्रतिनिधियों द्वारा न्याय की मांग करेंगे।
"विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने जुलाई में एक रिपोर्ट पेश करते हुए रूस पर डोपिंग रोधी कार्यक्रम चलाने का आरोप लगाया था और इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) से रूस की टीम पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।इस मामले पर आईओसी ने विभिन्न विश्व खेल संघों को इस संदर्भ में विचार करने के लिए कहा।आईपीसी ने रियो पैरालम्पिक में हिस्सा लेने पर रूसी पैरालम्पिक एथलीटों पर प्रतिबंध लगा दिया।
खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) ने 23 अगस्त को रूसी एथलीटों पर आईपीसी की ओर से लगाए प्रतिबंध को हटाने के लिए रूसी पैरालम्पिक समिति (आरपीसी) की अपील को भी खारिज कर दिया।
--आईएएनएस
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