मुंबई, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)| सेंसेक्स ने शुक्रवार को खत्म हुए कारोबारी सप्ताह में 14 हफ्तों के बाद एक बार फिर 28,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर लिया।
इस सप्ताह सेंसेक्स 403.58 अंकों या 1.46 फीसदी की तेजी के साथ 28,077.18 पर और निफ्टी 109.65 अंकों या 1.28 फीसदी की तेजी के साथ 8,693.05 पर बंद हुआ। बीएसई का मिडकैप सूचकांक 182.76 अंकों या 1.36 फीसदी तेजी के साथ 13,602.38 पर और स्मॉलकैप 255.45 अंकों या 1.94 फीसदी की तेजी के साथ 13,432.31 पर बंद हुआ।
सप्ताह के पहले कारोबारी दिन बाजार की शुरुआत नकारात्मक रही। सोमवार को सेंसेक्स 143.63 अंकों या 0.52 फीसदी की गिरावट के साथ 27,529.97 पर बंद हुआ। मंगलवार को बाजार में तेजी आई और सेंसेक्स 520.92 अंकों या 1.89 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 28,050.88 पर बंद हुआ।
बुधवार को सेंसेक्स 66.51 अंकों या 0.24 फीसदी की गिरावट के साथ 27,984.37 पर बंद हुआ। गुरुवार को सेंसेक्स 145.47 अंकों या 0.52 फीसदी की तेजी के साथ 28,129.84 पर बंद हुआ। शुक्रवार को शेयर बाजारों में गिरावट देखी गई और सेंसेक्स 52.66 अंकों या 0.19 फीसदी की गिरावट के साथ 28,077.18 पर बंद हुआ।
इस दौरान सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 21 में तेजी रही। सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे आईसीआईसीआई बैंक (14.82 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (0.71 फीसदी), एक्सिस बैंक (1.14 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (2.58 फीसदी), अडाणी पोर्ट्स (12.28 फीसदी), विप्रो (5.21 फीसदी), टीसीएस (2.65 फीसदी), इंफोसिस (1.04 फीसदी), सन फार्मा (0.15 फीसदी), डॉ. रेड्डी (2.63 फीसदी), ल्यूपिन (2.36 फीसदी) और लार्सन एंड टूब्रो (0.43 फीसदी)।सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में रिलायंस (1.28 फीसदी), सिप्ला (0.65 फीसदी) और एशियन पेंट्स (4.50 फीसदी) प्रमुख रहे।
इस हफ्ते वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद में नई कर प्रणाली से राज्यों को होनेवाले नुकसान की भरपाई पर मंगलवार और बुधवार को हुई बैठक में लगभग आम सहमति बन गई, जिसके बाद 3-4 नबंवर को होनेवाली अगली बैठक में कर की नई दरों पर फैसला किया जा सकेगा।वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को परिषद की बैठक के बाद कहा, "आज की बैठक में परिषद ने कर संरचना पर चर्चा की।
ये दरें धन के स्रोत पर भी निर्भर करती हैं, साथ ही यह भी देखा जाएगा कि राज्यों को होनेवाले नुकसान की भरपाई भी इससे हो। एक बार जब यह तय कर लिया जाता है तो दरों को भी तय कर लिया जाएगा। हम वास्तव में आम सहमति पर जुटे हैं।
अगली बैठक में तकनीकी मुद्दों को दूर कर लिया जाएगा और दरों की घोषणा कर दी जाएगी।"उन्होंने आगे कहा, "सवाल मुआवजे के लिए धन जुटाने का है, इसके लिए करों से ही धन जुटाया जाए, या कुछ अन्य स्रोतों, या कोई उपकर लगाकर पूरा किया जाए। एक बार यह साफ हो जाता है, तो कर के दरों की संरचना का निर्धारण भी कर लिया जाएगा।"
वित्त मंत्रालय ने 1 अप्रैल 2017 से जीएसटी लागू करने के लिए इसकी परिषद में सभी मुद्दों पर सहमति बनाने के लिए 22 नबंवर का डेडलाइन तय किया है।
--आईएएनएस
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