अहमदाबाद, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारत ने कांटे के मुकाबले में ईरान को हराकर शनिवार को कबड्डी विश्व कप-2016 का खिताब जीत लिया। एशियाई चैम्पियन भारत इस तरह अपनी साख के साथ न्याय करते हुए खिताब बचाने में सफल रहा।
कोरिया के हाथों ग्रुप स्तर पर अपना पहला मैच हारने के बाद भारत ने बाकी सभी मैचों में आसान जीत हासिल की थी। यहां तक की सेमीफाइनल में उसने थाईलैंड को बड़ी आसानी से पटखनी दे दी थी, लेकिन ईरान के साथ उसका खिताबी मुकाबला कई मौकों पर सांस रोकने वाला रहा।ईरान के साथ भारत का मैच हो तो कांटे की टक्कर होगी ही, लेकिन भारत अपने घर में खेलते हुए पहले हाफ में पिछड़ जाएगा यह किसी ने सोचा तक नहीं था।
एक तरफ खिलाड़ी जहां अपने जीवन के सबसे महान पल का इंतजार कर रहे थे वहीं द एरेना बाय ट्रांसस्टेडिया में जुटे 3000 जुनूनी दर्शक भी भारत को हर हाल में जीतता देखना चाहते थे, लेकिन शुरुआत के 20 मिनट में जो हुआ वह उनकी अपेक्षा और समझ से परे था।भारतीय खिलाड़ियों की रेड सही नहीं जा रही थी। अजय ठाकुर, प्रदीप नरवाल और यहां तक की राहुल चौधरी तक सफल रेड के लिए तरस रहे थे। और तो और भारतीय डिफेंस अपनी छवि के साथ न्याय करती नहीं दिख रही थी।
उसके अंदर एक अजीबोगरीब झिझक थी और यही झिझक उसे पीछे की ओर ले जा रही थी। यह सब देखकर दर्शक दुविधा में थे और भारत के पिछड़ने के साथ स्टेडियम में सन्नाटा सा पसर गया था।दूसरी ओर, ईरान की टीम भारत से बेहतर खेलते हुए काफी अच्छी स्थिति में थी। उसका मनोबल सातवें आसमान पर था लेकिन भारत ने दूसरे हाफ में ऐसी पलटी मारी कि मैच का पासा ही पलट गया।
पहले हाफ में एक बार आलआउट होने वाली टीम को हाफ टाइम में उसके कोच बलवान सिंह ने न जाने क्या घुट्टी पिलाई कि वह मैट पर आते ही छा गए।वही खिलाड़ी चैम्पियनों की तरह खेलने लगे जो पहले हाफ में ठीक से रेड नहीं लगा रहे थे। अजय ठाकुर पहले हाफ में अपनी परछाई भी नजर नहीं आ रहे थे लेकिन दूसरे हाफ में वह अपने पूरे रौ में लौट आए। अजय ने चौथी बार इस टूर्नामेंट में सुपर-10 हासिल किया।यही नहीं, अजय ने अपने शानदार आत्मविश्वास के दम पर विश्व कप का सबसे सफल रेडर होने का श्रेय भी हासिल किया।
अजय के इस मैच से पहले 52 रेड अंक थे लेकिन अब वह 64 रेड अंक के साथ टूर्नामेंट के सबसे सफल रेडर बन गए।भारत ने जैसे ही यह मैच 38-29 के अंतर से जीता, पूरा स्टेडियम नाचने-कूदने लगा। यहां तक कि भारतीय खिलाड़ी भी खुशी से झूम उठे। अपने कोच बलवान सिंह को कंधे पर उठाए खिलाड़ियों ने मैट का चक्कर लगाया और दर्शकों का अभिवादन स्वीकार किया।बाद में खिलाड़ियों ने मैट पर ही पंजाबी धुनों पर भांगड़ा किया। उनके साथ दर्शकों ने भी भांगड़ा किया।
शुरुआती 20 मिनट का नजारा भारत के लिए उलट था लेकिन अब स्टेडियम में मौजूद ईरान के गिने-चुने प्रशंसक निराश थे। निराशा ईरानी टीम के चेहरे पर भी थी।ईरान को लगातार दो बड़े आयोजनों में भारत के हाथों फाइनल में हार मिली है। 2014 के एशियाई खेलों में भारत ने ईरान को 27-25 से हराया था। इसके बाद ईरानी टीम यह विश्व कप जीतकर उस नुकसान की भरपाई को आतुर थी। कप्तान मिराज शेख ने कई मौकों पर यह बात कही थी।
--आईएएनएस
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