भारत में दिसंबर में होने वाले हार्ट आॅफ एशिया सम्मेलन में पाकिस्तान भी भागीदार बनेगा। इसकी पुष्टि मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामले के सलाहकार सरताज अजीज ने की है।
उन्होंने कहा कि भारत में होने वाले हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में पाकिस्तान भी शिरकत करेगा। इस सम्मेलन से भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव कुछ कम हो सकते है।
यह सम्मेलन पंजाब के अमृतसर शहर में दिसबंर महीने के पहले सप्ताह में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने कश्मीर के लोगों में आत्मनिर्णय को लेकर एक प्रभावी अभियान भी शुरू किया है।
बता दें कि हार्ट ऑफ एशिया-इस्तांबुल प्रक्रिया की शुरूवात आफगानिस्तान और तुर्की देशों की पहल पर साल 2011 में किया गया था। हार्ट आॅफ एशिया का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग और कनेक्टीविटी के लिए प्रयासों को बढ़ावा देना था ताकि अफगानिस्तान और क्षेत्र में दीर्घकालीन शांति और स्थिरता के साथ-साथ प्रगति और विकास को बढ़ावा मिल सके।
हार्ट आॅफ एशिया सम्मेलन का इससे पहले पाकिस्तान मेजबानी किया था। जिसमें 14 राष्ट्रों के विदेश मंत्री मौजूद थे। इस सम्मेलन में भारत की तरफ से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भाग लिया था।
जानकारी के अनुसार चीन, रूस और तुर्की समेत 14 देशों के सदस्य के विदेश मंत्रियों की एक दिवसीय सम्मेलन में भाग लेने की संभावना है। सम्मेलन में अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति और युद्धग्रस्त देश में दीर्घकालीन शांति और स्थिरता की बहाली के लिए अफगानिस्तान के निकट और विस्तृत पड़ोसियों द्वारा की जा सकने वाली पहलों पर चर्चा की जाएगी।
इसके अलावा अमेरिका समेत 17 समर्थक देशों के वरिष्ठ अधिकारी सम्मेलन में भाग लेंगे। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घनी और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त रूप से सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे।
श्रोत- आईएएनएस
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