इस्लामाबाद, 20 अक्टूबर: पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को पनामा पेपर्स घोटाले में नवाज शरीफ, उनके परिवार के सदस्यों और अन्य को नोटिस जारी किया। अदालत से याचिका के जरिये शरीफ को उनके कथित भ्रष्टाचार को लेकर अयोग्य करार देने मांग की गई है।
पांच याचिकाओं में कहा गया है पनामा पेपर्स में खुलासा किया गया है कि प्रधानमंत्री और उनके आश्रित विदेश में कंपनी खोलने में लिप्त हैं। उन्होंने अपने आश्रितों की संपत्ति को छुपाया है और नेशनल असेंबली से भी सच्चाई छुपाई है।
समचार पत्र डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, इन याचिकाओं में यह भी कहा गया है कि वह संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के तहत पद पर बने रहने के योग्य नहीं हैं।
मामले की शुरुआती सुनवाई के बाद अदालत ने दो हफ्ते के लिए सुनवाई स्थगित कर दी।प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा कि वह पनामा पेपर्स से जुड़ी न्यायिक कार्यवाही का स्वागत करते हैं।अपने कानूनी दल से विचार-विमर्श के बाद जारी बयान में शरीफ ने कहा कि जनता की अदालत फैसले दे रही है।
बेहतर होगा कि न्यायपालिका के फैसले का इंतजार किया जाए।प्रधानमंत्री ने एक न्यायिक आयोग द्वारा मामले की जांच में बहुत अधिक देरी के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया।शरीफ ने कहा कि उन्होंने न केवल अपनी स्थिति नेशनल असेंबली में और जनता के समक्ष स्पष्ट की है बल्कि पनामा पेपर्स घोटाले की जांच के लिए एक आयोग की भी घोषणा की थी।
पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ, जमात ए इस्लामी, वतन पार्टी के वकील जफरुल्ला खान, अवामी मुस्लिम लीग के प्रमुख शेख राशिद अहमद और अधिवक्ता असद अहमद ने प्रधानमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों के सरकारी पद के अयोग्य करार देने लिए याचिका दायर की है।
--आईएएनएस
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