अहमदाबाद, 20 अक्टूबर: द एरेना बाय ट्रांसस्टेडिया में 17 अक्टूबर को एक रोचक घटना हुई थी। पोलैंड ने अपने बाजूबल के दम पर अंतिम ग्रुप मैच में ईरान को पटखनी देकर सबकौ चौंका दिया था लेकिन ईरान की उस हार ने कई सवाल खड़े कर दिए थे। सवाल कई थे लेकिन उसके जवाब नहीं मिल रहे थे। और जब मिले तब भी उस पर यकीन नहीं हुआ।
दक्षिण कोरिया के हाथों भारत की हार भी चौंकाने वाली थी लेकिन उस हार पर कोई सवाल नहीं उठा। सबने और यहां तक कि भारतीय कप्तान अनूप कुमार ने भी कहा कि उनकी टीम खराब खेली और इसी कारण हार गई। ईरानी कप्तान मिराज शेख ने भी मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में यही कहा लेकिन इस पर किसी को यकीन नहीं हुआ।
अब अगर भारत में यह कोई मानने को तैयार नहीं कि ईरान की टीम किसी भी सूरत में पोलैंड से हार सकती है तो फिर मिराज शेख के देश में भी इसी तरह के सवाल उठे होंगे। वहां की मीडिया ने क्या प्रतिक्रिया दी यह तो नहीं पता लेकिन भारत की मीडिया की प्रतिक्रिया यही थी कि ईरानी टीम यह मैच जानबूझकर हारी ताकि उसे सेमीफाइनल में भारत का सामना न करना पड़े।
यह काफी संवेदनशील बात थी। क्या ऐसा हो सकता है? विशेषज्ञों ने इसका जवाब दिया कि क्यों नहीं हो सकता, लेकिन ईरानी कप्तान ने गुरुवार को इसे सिरे से खारिज कर दिया। उनकी दलील थी कि उनके कई अहम खिलाड़ी चोटिल थे और इसी कारण वह अपना श्रेष्ठ नहीं दे सके। और जहां तक जानबूझकर मैच हारने वाली बात है तो इसमें कोई दम नहीं है।यह सब बोलते हुए (दुभाषिए के माध्यम से) मिराज की खीझ साफ देखी जा सकती थी।
खैर, सच्चाई क्या है, इसका पता लगाना मुश्किल है लेकिन अब एक बड़ा सवाल यह है कि अगर ईरान ने भारत से नहीं भिड़ने की रणनीति के तहत जानबूझकर पोलैंड के हाथों हार स्वीकार की तो फिर क्या बुलंद हौसले वाली दक्षिण कोरियाई टीम ज्यादा समय तक तक उसे खैर मनाने देगी और शुक्रवार को ही उसे आईना नहीं दिखा देगी। एक कहावत भी है कि बकरी की अम्मा कबतक खैर मनाएगी।ईरान भारतीय टीम के खेल से अच्छी तरह परिचित हैं लेकिन कोरियाई टीम के खेल की उसे कोई जानकारी नहीं।
एसे में अगर कोरियाई टीम उसे पीट दो और बाहर कर दे तो किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए। ईरान के लिए दूसरी बुरी खबर बुधवार को सामने आई, जब थाईलैंड ने जापान को हराकर सेमीफाइनल का टिकट कटाया और अब उसका सामना भारत से होना है।भारतीय टीम तो थाईलैंड को पीट सकती है लेकिन क्या ईरानी टीम कोरिया को हराने को लेकर आश्वस्त है।
हो सकता है नहीं और हो सकता है हां, लेकिन दोनों स्थितियों में उसकी मुश्किल कम नहीं होने वाली क्योंकि भारत से उसका सामना तो होना ही है।कोरियाई कप्तान डोंग जू होंग को यकीन है कि उनके साथी ईरान को हराकर फाइनल तक का रास्ता तय करेंगे।
कप्तान ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हम इस मुकाबले के लिए तैयार हैं और हमारा आत्मविश्वास अभी सातवें आसमान पर है। हमने विश्व कप जीतने का लक्ष्य बनाया है।"जहां तक ईरान की बात है तो इसमें कोई शक नहीं कि उसके पास एक से एक दिग्गज खिलाड़ी हैं।
मिराज ने संवाददाताओं से कहा, "हमारी तैयारी अच्छी है। हम बीते मैच में हार गए थे क्योंकि हमारे कई खिलाड़ी चोटिल थे लेकिन वे सभी अब फिट हो चुके हैं और अब हम फाइनल में भारत के साथ भिड़ने की उम्मीद कर रहे हैं। अंतिम ग्रुप मैच में पौलैंड से जानबूझकर हारने वाली बात में कोई दम नहीं है।
कोई भी टीम जानबूझकर नहीं हारती। हम जानते हैं कि किसी न किसी स्तर पर हमारा सामना भारत से होना ही है और हम इससे बच नहीं सकते।"
--आईएएनएस।
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