नई दिल्ली, 19 अक्टूबर: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने बुधवार को घोषणा की कि पशु कल्याण से संबंधित छह नए पाठ्यक्रमों को संचालित किया जाएगा।
इसका मकसद विद्यार्थियों को पशुओं के उपचार के लिए संवेदनशीलता और नैतिकता के आधार पर प्रशिक्षित करना है। पशुओं के प्रबंधन और नैतिक प्रयोगशाला के अनुसंधान के इस्तेमाल से संबंधित पहले पाठ्यक्रम का संचालन एक नवंबर से किया जाएगा और न्यूनतम 85 घंटों की पढ़ाई होगी।
बाकी पांच पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर नवंबर में दी जाएगी।पाठ्यक्रम एक समझौता ज्ञापन (एमओए) का परिणाम है, जिस पर जुलाई में जेएनयू और राष्ट्रीय पशु कल्याण संस्थान द्वारा हस्ताक्षर किया गया था।समझौते के अनुसार, जेएनयू छह सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम (चार सप्ताह की अवधि का) और एक डिप्लोमा पाठ्यक्रम (पांच सप्ताह की अवधि का) संचालित करेगा।
इस सहभागिता को मानव संसाधन विकास मंत्रालय और वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया।जेएनयू के प्रोफेसर प्रसेनजीत ने आईएएनएस को बताया, "पाठ्यक्रम का संचालन जेएनयू में होगा।
हमने राष्ट्रीय पशु कल्याण संस्थान की निविदाओं पर प्रतिक्रिया दी और उन्होंने इस पाठ्यक्रम को संचालित करने की जिम्मेदारी हमें सौंप दी।"हालांकि उन्होंने कहा, "हम इसी श्रेणी में अपना पाठ्यक्रम संचालित करना पसंद करेंगे। पशु इंसानों के करीब होते हैं और उनका कल्याण आज की जरूरत है।
यह हमारे सामाजिक विज्ञान का घटक हो सकता है।"पहले पाठ्यक्रम के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 24 अक्टूबर है। पंजीकरण शुल्क 1,000 रुपये होगा और पहले साल के पाठ्यक्रम को मुफ्त में संचालित किया जाएगा।
--आईएएनएस
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