नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)| इंडिया इंक यानी भारतीय उद्योग जगत उन्नत मनोमितीय (साइकोमेट्रिक्स) का लाभ उठाने को इच्छुक है।
ऐसा इस वजह से कि भारत के शीर्ष संस्थानों में कर्मचारियों के चयन में अभी तक इसके फायदे का पूरी तरह इस्तेमाल नहीं किया गया है।
विल्स टावर्स वाटसन के अध्ययन 'द स्टेट ऑफ साइकोमेट्रिक असेसमेंट्स इन इंडिया' के निष्कर्षो में दिखाया गया है कि साइकोमेट्रिक्स के वैसे लाभ जिन्हें सभी मानते हैं, उनसे अब भी बहुत हद तक कंपनियां वंचित हैं क्योंकि लगभग आधी कंपनियों ने स्वीकार किया है कि वे इसका इस्तेमाल नहीं करती हैं।
विल्स टावर्स वाटसन परामर्श, दलाली और समाधान क्षेत्र की वैश्विक कंपनी है।इस अध्ययन में भारत के 100 से अधिक शीर्ष संगठनों एवं मानव संसाधन अधिकारियों का यह जानने के लिए विचार जाना गया कि क्यों भारत की कंपनियां साइकोमेट्रिक्स के फायदों को हकीकत में बदलने में पिछड़ रही हैं।
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि तीन में से एक ने कहा कि उन्होंने इसका कभी इस्तेमाल नहीं किया।अध्ययन में कहा गया है, "केवल नौ प्रतिशत कंपनियां इस नए साधन का इस्तेमाल करने के प्रति अनिच्छुक हैं।
यह संकेत देता है कि इनमें बहुमत उन्नत साइकोमेट्रिक्स का लाभ उठाने की इच्छा रखने वालों का है और यह संकेत देता है कि इनके बीच इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसके बेहतर साधन तक पहुंच मुहैया कराने की जरूरत है।"साइकोमेट्रिक्स आकलन व्यावहारिक मनोवृत्ति का विज्ञान है।
इसका मकसद किसी व्यक्ति की खास विशिष्टता की पहचान करना होता है जो उसकी किसी खास भूमिका की उपयुक्तता पर प्रकाश डाल सके। अभी इसे मुख्य रूप से भारत में कमर्चारियों के चयन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।मजे की बात यह है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों की तुलना में भारत के घरेलू संस्थान साइकोमेट्रिक्स का अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं।
--आईएएनएस
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