गुवाहाटी, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)| ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने सोमवार को नागरिक कानून में संशोधन करने हेतु केंद्र सरकार की कथित पहल का विरोध किया और इस मुद्दे पर आंदोलन की चेतावनी दी।
छात्र निकाय ने कहा कि वह असम के सभी जिलों और अनुमंडलीय मुख्यालयों में मंगलवार को मोमबत्ती जुलूस निकालेगा।
आसू भावी रणनीति बनाने के लिए 22 अक्टूबर को गुवाहाटी में एक सार्वजनिक सभा का भी आयोजन करेगा।साल 1971 के बाद आए बांग्लादेशी हिन्दुओं के पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार की पहल को विफल करने हेतु आसू नेता समुज्जल भट्टाचार्या ने आन्दोलन तेज करने की शपथ ली।
भट्टाचार्य ने कहा, "हम असम सरकार और केंद्र सरकार को स्पष्ट करना चाहते हैं कि अवैध घुसपैठ और अवैध रूप से असम में रह रहे विदेशियों के मुद्दे का समाधान असम समझौता के आधार पर होना चाहिए।
"असम समझौता साल 1985 में केंद्र सरकार और आसू के नेताओं तथा ऑल असम गण संग्राम परिषद के बीच हुआ था।भट्टाचार्या ने कहा, "समझौता के अनुरूप 1971 से पहले असम में प्रवेश करने वाले सभी हिन्दुओं और मुसलमानों को जरूर वापस जाना चाहिए।
"उन्होंने कहा कि साल 1971 के बाद आने वाले एक भी बांग्लादेशी को असम में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी।भट्टाचार्य ने कहा कि नागरिकता कानून में संशोधन की पहल के खिलाफ जनमत निर्मित करने के लिए असम के 28 अन्य सिविल सोसायटी संगठनों के साथ मिलकर एक जन आन्दोलन शीघ्र शुरू किया जाएगा।
--आईएएनएस
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