नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)| सालाना द्विपक्षीय बैठक के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा से पहले भारत में जापान के राजदूत केंजी हिरामत्सु ने सोमवार को कहा कि तकनीकी मुद्दों के समाधान के बाद ही दोनों देशों के बीच असैन्य परमाणु समझौता होगा। हिरामत्सु ने राष्ट्रीय राजधानी में संवाददाताओं से कहा, "फिलहाल हम तकनीकी मुद्दों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं और हमने पिछले साल ही इस बात पर सहमति जताई थी कि तकनीकी मुद्दों को सुलझाने के बाद ही समझौते पर हस्ताक्षर होगा।"
उन्होंने कहा, "हम इसपर काम कर रहे हैं। हम तकनीकी मुद्दों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। जहां तक हस्ताक्षर की बात है, तो ऐसे वक्त में मैं यह नहीं कह सकता हूं कि इसपर हस्ताक्षर होगा, क्योंकि हम तकनीकी मुद्दों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं।"राजदूत ने कहा, "लेकिन मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान कोई न कोई निष्कर्ष जरूर निकलेगा, लेकिन मैं यह नहीं कह सकता हूं कि समझौता होगा या नहीं। मुझे उम्मीद है कि आप इसे समझते हैं।"पिछले साल जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे की भारत यात्रा के दौरान, नई दिल्ली व टोक्यो ने तकनीकी मुद्दे सुलझने के बाद असैन्य परमाणु समझौता करने पर सहमति जताई थी।साल 2015 में सालाना द्विपक्षीय बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान के मुताबिक, "परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल पर सहयोग के लिए दोनों प्रधानमंत्रियों ने दोनों देशों के बीच हुए समझौते का स्वागत किया है। साथ ही इस बात की पुष्टि की है कि तकनीकी मुद्दों को सुलझने के बाद समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।"तकनीकी मुद्दों के सुलझाने के लिए कोई तारीख नहीं दी गई है।--आईएएनएस
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