बेनॉलिम (गोवा), 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यहां एक बैठक के बाद आतंकवाद को 'महत्वपूर्ण मुद्दे' के रूप में चिह्न्ति किया। बीजिंग ने हालांकि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के आतंकवादी मसूद अजहर पर पाबंदी लगाने के भारत के प्रयास का समर्थन करने का कोई आश्वासन नहीं दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने संवाददाताओं से कहा, "दोनों देशों ने आतंकवाद को एक महत्वपूर्ण मुद्दे के रूप में चिह्न्ति किया। राष्ट्रपति शी ने कहा कि हमें सुरक्षा पर बातचीत व साझेदारी बढ़ानी चाहिए।"
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से ठीक पहले द्विपक्षीय संबंधों तथा इसके आयामों की समीक्षा करने के लिए मोदी व शी जिनपिंग ने यहां एक बीच रिसॉर्ट में मुलाकात की।स्वरूप ने कहा, "मोदी ने कहा कि भारत तथा चीन दोनों ही आतंकवाद से पीड़ित रहे हैं, जिस कारण पूरा क्षेत्र संकट में है।"उन्होंने कहा कि शी ने इस बात को रेखांकित किया कि आतंकवाद तथा हिंसक अतिवाद बढ़ रहा है, साथ ही उन्होंने इस्लामिक स्टेट आतंकवादी संगठन के खतरे की ओर भी इशारा किया।संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर पर भारत के पाबंदी के प्रयासों पर चीन द्वारा अड़ंगा लगाने के बारे में पूछे जाने पर स्वरूप ने कहा कि यह चीन पर निर्भर करता है कि वह इसपर विचार करे, जिससे न सिर्फ क्षेत्र, बल्कि पूरी दुनिया की आतंकवाद से सुरक्षा होगी।प्रवक्ता ने कहा कि मोदी तथा शी ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत के शामिल होने की संभावनाओं पर संक्षिप्त चर्चा की।उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम एनएसजी की सदस्यता पाने के लिए चीन के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं।"स्वरूप ने कहा कि इस मुद्दे पर वार्ता का एक दौर पहले ही पूरा हो चुका है और दूसरा जल्द ही होगा।इसके अलावा, दोनों नेताओं ने बढ़ती उच्चस्तरीय यात्राओं पर संतुष्टि जताई।मोदी व शी ने इस बात से सहमति जताई कि द्विपक्षीय निवेश तथा आर्थिक सहयोग बढ़ा है।स्वरूप ने कहा कि चीनी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए उत्साहित किया जा रहा है।मोदी ने ब्रिक्स में चीन के योगदान की प्रशंसा की और कहा कि ब्रिक्स राष्ट्रों का न्यू डेवलपमेंट बैंक सदस्य राष्ट्रों की साझेदारी का प्रतीक है।
--आईएएनएस
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