मुंबई, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)| दिल्ली ने ऋषभ पंत (308) की विपरीत परिस्थितियों में खेली गई अनूठी पारी की बदौलत हार टालते हुए रविवार को महाराष्ट्र के खिलाफ मैच ड्रॉ करा लिया।
वानखेड़े स्टेडियम में हुए रणजी ट्रॉफी के ग्रुप-बी मैच में इतिहास लिखा गया।
महाराष्ट्र के लिए स्वप्निल गुगाले (नाबाद 351) ने अंकित बावने (नाबाद 258) के साथ तीसरे विकेट के लिए 594 रनों की साझेदारी निभाई, जो रणजी ट्रॉफी के इतिहास में सबसे बड़ी साझेदारी साबित हुई।
इससे पहले रणजी ट्रॉफी में सबसे बड़ी साझेदारी की रिकॉर्ड विजय हजारे और गुल मोहम्मद के नाम था। उन्होंने 1946-47 में बड़ौदा की ओर से खेलते हुए होल्कर के खिलाफ चौथे विकेट के लिए 577 रनों की साझेदारी की थी।
इसके अलावा रणजी ट्रॉफी का यह ऐसा दूसरा मैच रहा जिसमें दो बल्लेबाजों ने तिहरा शतक लगाया। इससे पहले 1988-89 में तमिलनाडु और गोवा के बीच हुए मैच में डब्ल्यू. वी. रमन और कृपाल सिंह ने यह कारनामा किया था।
गुगाले ने 521 गेंदों की अपनी मैराथन पारी में 37 चौके और पांच छक्के लगाए, वहीं बावने ने 500 गेंदें खेलकर 18 चौके और दो छक्के अपने नाम किए।
महाराष्ट्र ने दोनों की रिकॉर्ड साझेदारी की बदौलत मैच के दूसरे दिन दो विकेट पर 635 रन बनाकर अपनी पहली पारी घोषित की।दिल्ली ने भी ऋषभ पंत (308) की अद्वितीय पारी की बदौलत दिल्ली के विशाल स्कोर का भरपूर जवाब दिया।
ऋषभ ने अपनी नायाब तिहरी शतकीय पारी में महज 326 गेंदों में 42 चौके और नौ छक्के लगाए।ऋषभ ने इस बीच तीन शतकीय साझेदारियां कीं।
उन्होंने ध्रुव शोरे (71) के साथ चौथे विकेट के लिए 124, मिलिंद कुमार (45) के साथ पांचवें विकेट के लिए 117 और वरुण सूद (32) के साथ सातवें विकेट के लिए 182 रनों की साझेदारियां निभाईं।
ऋषभ की इस साहसिक पारी की बदौलत दिल्ली ने अपनी पहली पारी में 590 रन बनाए। दिल्ली की यह पारी मैच के चौथे दिन का खेल खत्म होने से करीब दो घंटे पहले समाप्त हुई।
इसके बाद महाराष्ट्र के पास महज औपचाकिता निभाने के कुछ नहीं रह गया था। महाराष्ट्र ने दूसरी पारी में बिना विकेट गंवाए 58 रन बनाकर बिना परिणाम के मैच का समापन किया।हालांकि पहली पारी में बढ़त के आधार पर महाराष्ट्र इस मैच से तीन अंक हासिल करने में सफल रहा।
--आईएएनएस
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