प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन के बीच शनिवार को प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता सम्पन्न हुई। इसके बाद भारत व रूस ने विभिन्न क्षेत्रों में 16 समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने दोनों देशों के बीच 17वें वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के बाद कहा कि भारत व रूस के बीच साझेदारी ने एक नए पायेदान पर पहुंचा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रपति पुतिन दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में 16 समझौतों तथा तीन घोषणााओं के साक्षी बने। समझौतों में एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की खरीद जिसमें भारत में 1135 श्रृंखला के युद्धपोतों का निर्माण शामिल है।
दोनों देशों के समझौतों में हेलीकॉप्टरों के बनाने के लिए एक उपक्रम स्थापित करने के लिए भी समझौता किया गया है।
एक अरब डॉलर के निवेश फंड की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया है। इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय सूचना सुरक्षा सहयोग पर भी एक समझौता हुआ है।
इसके बाद आंध्र प्रदेश, हरियाणा में स्मार्ट सिटी के विकास तथा ऐसे शहरों में ट्रांसपोर्ट लॉजिस्टिक के विकास के लिए भी समझौते किए गए हैं। रूस से भारत तक गैस पाइपलाइन के संयुक्त अध्ययन के लिए भी समझैता किया गया है।
इसके बाद हुई एक और समझौते में ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी रोजनेफ्ट ऑयल कंपनी, कमोडिटी टड्रर ट्राफिगुरा तथा निजी निवेश समूह यूनाइटेड कैपिटल पार्टनर्स को मिलाकर बने संयुक्त संगठन ने 10.9 अरब डॉलर में एसार ऑयल के 90 फीसदी शेयर खरीदने पर सहमति जताई है।
रोजनेफ्ट ने तेल व गैस क्षेत्र में शिक्षा व प्रशिक्षण के लिए ओएनजीसी विदेश के साथ एक समझौता किया है।
दोनों देशों ने रेलवे के विकास में सहयोग और नागपुर व सिकंदराबाद के बीच रेलगाड़ियों की गति बढ़ाने पर सहमति जताई है।
साथ ही साथ अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में सहयोग के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) तथा रूस के सरकारी
अंतरिक्ष एजेंसी के बीच भी एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया है।
भारत-रूस के कूटनीतिक संबंधों के 70 साल पूरा होने पर समारोह मनाने के लिए एक रोड मैप की भी घोषणा की गई है।
(आईएएनएस)
|
Comments: