आतंक को संरक्षण देने को लेकर लगातार विवादों में घिरे पाकिस्तान की समस्या अब और बढती जा रही है। गुरूवार को अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार जाॅन किर्बी ने पाकिस्तान को हाफिज सईद के संरक्षण पर आपत्ति जतायी है।
हाफिज सईद पर बढते विवाद और पाकिस्तान सरकार निष्क्रियता को देखकर पाकिस्तान की मीडिया ने भी सवाल उठाना शुरू कर दिया है। पाकिस्तानी मीडिया ने असैन्य और सैन्य संस्थानो से पूछा कि जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर और जमात-उद-दावाह के हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा किस तरह है।
‘डॉन’ के पत्रकार सायरिल अलमीड़ा की रिपोर्ट के कारण हक्कानी नेटवर्क, तालिबान और लश्करे तैयबा जैसे आतंकी गुटों को गुप्त रूप से सेना के समर्थन पर सेना और सरकार के बीच विवाद को लेकर पर पाकिस्तान से बाहर जाने पर प्रतिबंध लगाने के बीच सरकारी और सैन्य प्रतिष्ठानों के करीबी समझे जाने वाले ‘द नेशन’ में भी तीखा संपादकीय लिखा है।
हाफिज सईद भारत-अमेरिकी सैन्य संबंधों को इस्लाम के खिलाफ बताता रहा है। इससे पहले भी उसने पाकिस्तान के हुक्मरानों से कहा था कि अगर भारत के कब्जे वाले कश्मीर में अमेरिका दखल नहीं देता है तो पाकिस्तान को अमेरिका सें संबंध तोड़ लेना चाहिए।
हाफिज सईद खुलेआम ये कहता है कि कई बार अमेरिका और भारत के इशारे पर पाकिस्तान ने गिरफ्तार किया। लेकिन लाहौर हाइकोर्ट ने उसे आजाद कर दिया।इतना ही नहीं अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि न तो वो न ही उसका संगठन आतंकी गतिविधियों में लिप्त हैं।
पाकिस्तानी मीडिया इस बात को लेकर परेशान है किय आखिर मसूद अजहर और हाफिज सईद से सरकार को ऐसा आखिर ऐसा क्या मिल जाता है कि सरकार इन्हे संरक्षण दे रही है। मीडिय तालीबान और अन्य आतंकी संगठनो की तरह ही इनसे भी पाकिस्तानी आवाम के जान माल के नुकसान होने की आशंका जतायी है।
पाकिस्तानी मीडिया ने सरकार और सेना दोनो के सामने सवाल खडे किये है कि मसूद अजहर, या हाफिज सईद के खिलाफ संभावित कार्रवाई किस तरह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।
विश्व राजनीति पर अलग थलग पडते जा रहे पाकिस्तान को नसीहत पर नसीहत मिलने के बावजूद भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे बैठा है। अमेरिका ने पाक सरकार को झिड़की लगाते हुए कहा कि वो मुंबई हमलों के गुनहगार को क्यों बचा रहा है।
अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया है कि पाक को आतंकवादियो को संरक्षण देना बंद करे वरना उसे इसका खामियाजा भुगतना पडेगा। हालांकि अमेरिका ने पहले ही हाफिज सईद और मसूद अजहर को प्रतिबंधित का रखा है। हाफिज सईद के सर पर दस मिलियन डाॅलर का इनाम भी घोषित है।
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